मेटा कंपनी के स्वामित्व वाले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अमेरिकी अधिकारियों की जाँच चल रही है। इस मामले का अनुमानित रूप से संबंध उनके प्लेटफ़ॉर्मों पर औषधियों के विज्ञापन और प्रचार से है। यह मेटा कंपनी द्वारा कथित तरीके से लाभ कमाने के लिए किया गया था। मेटा द्वारा इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया भी दी गई है। हम इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं।
मेटा कंपनी के स्वामित्व वाले फेसबुक और इंस्टाग्राम के संबंध में एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इन प्लेटफॉर्मों की जाँच की जा रही है। इस मामले में कहा गया है कि प्लेटफॉर्म्स द्वारा दवाओं की बिक्री से निरंतर लाभ कमाने की प्रक्रिया संघर्षजनक हो सकती है।
वर्जीनिया में अपराधिक ग्रैंड ज्यूरी जाँच के अंश के रूप में समन जारी किये गए हैं और व्यक्तियों से जाँच की जा रही है। इस संदर्भ में हम सम्पूर्ण तथ्यों को समझें।
मेटा के वैश्विक कार्यालय के अध्यक्ष निक क्लेग ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने बताया कि हमारी कंपनी हमेशा विदेशी विभाग, यूनाइटेड नेशंस ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम और स्नैपचैट की सिंथेटिक ड्रग्स की ऑनलाइन बिक्री को रोकने में मदद की है। साथ ही, हमारे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स हमेशा अवैध ड्रग्स के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जनता को जागरूक करते रहते हैं।
मामले का पूरा खुलासा क्या है?
पिछले वर्ष जारी विज्ञापन में, मेटा के प्लेटफ़ॉर्मों पर दवाओं की अवैध बिक्री के मामले पर जाँच की गई थी। 2022 में, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने टेलीहेल्थ के विज्ञापनों को प्रमोट करने के लिए विशेष ध्यान दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, खाद्य और औषध नियंत्रण एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) भी इस जाँच में सहायक है। यह महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में इस जानकारी की कोई स्पष्टता नहीं है।
Meta Company का वक्तव्य
मेटा कंपनी के वक्ता ने उद्घाटन किया कि हमारे प्लेटफ़ॉर्म अवैध दवाओं को प्रोत्साहित नहीं करते हैं। अवैध दवाओं की विक्रय हमारी नीति के खिलाफ है और हम ऐसे सामग्री की खोज और हटाने के लिए काम करते हैं। अवैध दवाओं की विक्रय और इससे निपटने के लिए हम संबंधित जाँच कंपनियों का सहयोग कर रहे हैं।
मेटा ने अनेक कंपनियों के साथ सहयोग किया है, जिनका मकसद अवैध दवाओं के प्रचार और विक्रय को रोकना है। इन कंपनियों की मदद से मेटा प्लेटफॉर्म पर दवाओं के विज्ञापन और प्रचार करने वाली कंपनियों की पहचान करने में मदद मिलती है।
इसके साथ ही, फेसबुक ने ऐसे मामलों को पहचानने के लिए अलबामा विश्वविद्यालय के साथ भी साझेदारी की है।