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हर वर्ष 7 जून को विश्वभर में ‘वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को खाद्य संदूषण, इससे होने वाली बीमारियों और उनके बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना है। पहली बार यह दिन 7 जून 2019 को मनाया गया था। इस वर्ष की थीम ‘सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य’ है, जिसके अंतर्गत लोगों को सुरक्षित भोजन की महत्ता बताई जाती है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस एक अंतरराष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य लोगों को हानिकारक भोजन और उससे उत्पन्न समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 16 लाख लोग दूषित भोजन के कारण बीमार पड़ते हैं। इसके साथ ही, हर दिन 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 340 बच्चे खराब गुणवत्ता वाले भोजन के कारण अपनी जान गंवा देते हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इसी समस्या के समाधान के लिए विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की आवश्यकता महसूस की गई।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2018 को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया और इसके लिए 7 जून की तारीख तय की। पहली बार यह दिवस 2019 में मनाया गया था।
World Food Safety Day 2024 की थीम
प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) एक विशेष थीम तय करता है जिसके अनुसार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2024 के लिए विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन, उत्तम स्वास्थ्य’।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का उद्देश्य
दूषित भोजन से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनके माध्यम से लोगों को इन खतरों के बारे में जागरूक करने का प्रयास होता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य सभी को पौष्टिक और संतुलित आहार उपलब्ध कराना है। साथ ही, मिलावटी खाद्य पदार्थों की पहचान और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व
टायफाइड एक गंभीर बीमारी है जो दूषित भोजन और पानी से फैलती है। खासकर बच्चे इसका अधिक शिकार होते हैं। यह समस्या उन लोगों में भी अधिक देखी जाती है, जो बाहरी और असुरक्षित भोजन का सेवन करते हैं। गर्मियों में टायफाइड का प्रकोप विशेष रूप से बढ़ जाता है।