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तंबाकू निषेध दिवस पर लोगों को तंबाकू के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाता है, उन्हें तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है, और तंबाकू का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस या World No Tobacco Day मनाया जाता है। हिंदी में इसे तंबाकू विरोधी दिवस भी कहा जाता है। यह सभी को ज्ञात है कि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है, फिर भी लोग इसका उपयोग बंद नहीं करते। इसलिए, इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना, तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करना और इसके सेवन से बचने के लिए प्रोत्साहित करना है। आइए जानते हैं कि तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास, उसका महत्व और इस वर्ष 2024 की थीम क्या है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम
World No Tobacco Day 2024 का विषय “Protecting children from tobacco industry interference यानी तंबाकू उद्योग की दखल से बच्चों की रक्षा करना” है। इसका उद्देश्य भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित रखना और तंबाकू के उपयोग में निरंतर कमी सुनिश्चित करना है। इस वर्ष, तंबाकू उद्योग द्वारा युवाओं को लक्षित कर बनाई गई विपणन रणनीतियों की चिंताजनक प्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया और लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से युवा तंबाकू उत्पादों के प्रति तेजी से आकर्षित हो रहे हैं और उनका संपर्क बढ़ रहा है। यह उनके स्वास्थ्य और समाज की भलाई के लिए एक गंभीर खतरा है। वैश्विक सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अधिकांश देशों में 13 से 15 वर्ष की आयु के बच्चे तंबाकू और निकोटीन उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।
13 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चों पर बढ़ रहा खतरा
युवाओं में धूम्रपान का प्रचलन अब भी बना हुआ है और कई देशों में यह बढ़ रहा है। 13 से 15 वर्ष की उम्र के 38 मिलियन से अधिक बच्चे तंबाकू का किसी न किसी रूप में उपयोग कर रहे हैं। 2022 में, 15 से 24 साल के युवाओं के बीच लोकप्रिय टीवी और वेब शो में तंबाकू वाले दृश्यों की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें धूम्रपान को अक्सर आकर्षक और कूल दिखाया गया। ट्रुथ इनिशिएटिव के अनुसार, स्क्रीन पर धूम्रपान के दृश्य देखने से युवाओं में धूम्रपान शुरू करने की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की विश्व स्वास्थ्य सभा ने 1987 में संकल्प WHA40.38 पारित कर 7 अप्रैल 1988 को “विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” मनाने का आह्वान किया। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में तंबाकू उपयोगकर्ताओं को 24 घंटे के लिए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना था। अगले वर्ष, 1988 में, संकल्प WHA42.19 पारित कर हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। पहले वर्ष यानी 1988 की थीम थी “तंबाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य चुनें”।
1998 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तंबाकू मुक्त पहल (TFI) की शुरुआत की, जो अंतरराष्ट्रीय संसाधनों और स्वास्थ्य से जुड़े तंबाकू के मुद्दों पर ध्यान देने का पहला कदम है। यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (FCTC) का समर्थन करती है।