Sunday, 8 September 2024
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Holi पर मिलेगी 3 दिन की छुट्टी, Long Weekend में इन जगहों पर घूमने का प्लान

भारत में, ऐसे व्यक्तियों का एक वर्ग मौजूद है जो होली के उत्सव में भाग नहीं लेना पसंद करते हैं। उन व्यक्तियों के लिए, होली के दौरान छुट्टी की योजना बनाना एक आदर्श विकल्प हो सकता है। इस वर्ष होली 25 मार्च को पड़ रही है, जो कि सोमवार है, शनिवार, रविवार और सोमवार को मिलाकर तीन दिवसीय ट्रिप हो जाता है। इन जगहों पर आप आसानी से 3 दिन का ट्रिप पूरा करके वापस आ सकते हैं।

भारत में इन जगहों की होली होती है बेस्ट

1. गोकुल-मथुरा-वृंदावन


गोकुल-मथुरा-वृंदावन की होली पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां देश-विदेश से लोग होली मनाने आते हैं। गोकुल-मथुरा-वृंदावन में कई ऐसी जगहें हैं जहां की होली पूरी दुनिया में मशहूर है, आप वहां जाकर होली खेल सकते हैं और 3 दिन की ट्रिप भी आप होली मना सकते हैं और वह घूम भी सकते हैं।उनमें से कुछ प्रसिद्ध जगहें जिनका जिक्र नीचे किया गया है।

रमणरेती:

इस जगह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण अपने मित्रों के साथ यहां रमण रेत से खेलते थे। आज वह जाके लोग रेत में खेलते हैं।

बरसाना:

बरसाना मथुरा में आया हैं। बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है। यहां लोग एक-दूसरे पर लाठियां बरसाते हैं और एक-दूसरे पर रंग फेंकते हैं। यह होली पूरी दुनिया में मशहूर है। यहाँ के राधा-रानी मंदिर की होली बहुत प्रसिद्ध हैं।

Image Courtesy: Instagram/@sanskaari_kalakaar

गोकुल का चौरासी खंबा:

चौरासी खंबा नामक इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का बचपन व्यतीत हुआ था। वासुदेव और देवकी को कंस द्वारा बंदी बना लेने के उपरांत नंदबाबा और उनकी पत्नी मां यशोदा के साथ भगवान श्री कृष्ण इसी घर में रहा करते थे। यही कारण है इस मंदिर में श्रीकृष्ण का बाल रूप मौज़ूद है।ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने से 4 धामों का पुण्य मिल जाता है।

दाऊजी (बलदेव) मंदिर:

दाऊजी का ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर बलदेव में बना है। मथुरा में यह ‘वल्लभ सम्प्रदाय’ का सबसे प्राचीन मंदिर है।बलदेव का दाऊजी मंदिर मथुरा से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां कई रास्तों से पहुंचा जा सकता है। आगरा से इसकी दूरी करीब 24 किलोमीटर है, हाथरस से भी यहां पहुंचा जा सकता है।

निधिवन:

वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। रास के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में आज भी प्रसाद (माखन मिश्री) प्रतिदिन रखा जाता है।

Nidhivan, the tulsi forest. Photo: umang saraf/Flickr

प्रेम मंदिर:

वृंदावन का ये प्रेम मंदिर श्री कृष्ण-राधा और राम-सीता को समर्पित है। इस भव्य मंदिर की संरचना पांचवें जगदगुरु कृपालु महाराज ने स्थापित की थी। मंदिर को पूरे एक हजार मजदूरों ने 11 सालों में बनाकर तैयार किया था। इस भव्य और खूबसूरत मंदिर का निर्माण जनवरी 2001 में शुरू किया गया था।

2. उदयपुर:


CITY PALACE:

उदयपुर में सिटी पैलेस एक शानदार शैली में बनाया गया था और इसे राजस्थान राज्य में अपनी तरह का सबसे बड़ा माना जाता है। इसे राजस्थानी राजपूत वास्तुकला के मिश्रण से एक पहाड़ी के ऊपर बनाया गया था, जिससे शहर और इसके आसपास का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।

LAKE PALACE (जगनिवास) :

लेक पैलेस (जिसे पहले जग निवास पैलेस के नाम से जाना जाता था) मेवाड़ के शाही राजवंश का एक गर्मी रहने के लिए बनाया गया था यहाँ महल, अब इसे एक होटल में बदल दिया गया है। लेक पैलेस भारत के उदयपुर में Pichola Lake में पर स्थित है। यह शानदार महल तब विश्व प्रसिद्ध हो गया जब जेम्स बॉन्ड की फिल्म ‘Octopussy’ को इस जगह पर फिल्माया गया।जिसे अब Taj Lake Palace में बदल दिया गया है। जिसका संचालन Taj Hotels ग्रुप द्वारा किया जाता है।

Monsoon Palace :

यह महल शहर की झीलों, महलों और आसपास के ग्रामीण इलाकों का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। इसका निर्माण मुख्यतः बादलों पर नजर रखने के लिए किया गया था; इसलिए, उचित रूप से, इसे मानसून पैलेस के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि महाराणा ने अपने पैतृक घर चित्तौड़गढ़ का दृश्य देखने के लिए इसे पहाड़ी की चोटी पर बनवाया था।

3. हरिद्वार-ऋषिकेश:

‘पंच तीर्थ’ या हरिद्वार के भीतर स्थित पांच तीर्थस्थल हैं, गंगाद्वार (हर की पौड़ी), कुशवर्त (घाट), कनखल, बिलवा तीर्थ (मनसा देवी मंदिर) और नील पर्वत (चंडी देवी)।

त्रिवेणी घाट, राम झूला और लक्ष्मण झूला ऋषिकेश में प्रतिष्ठित स्थान हैं, जो गंगा की शांत पृष्ठभूमि के बीच आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। पर्यटक तेरा मंजिल मंदिर की खोज के दौरान रोमांचकारी रिवर राफ्टिंग रोमांच का आनंद भी ले सकते हैं, जिससे उनके ऋषिकेश यात्रा कार्यक्रम में सांस्कृतिक समृद्धि जुड़ जाएगी।

4. जयपुर:

राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने प्रतिष्ठित स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। आमेर किला, हवा महल और सिटी पैलेस इसके समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं। यूनेस्को का जंतर मंतर प्राचीन खगोल विज्ञान को प्रदर्शित करता है। जौहरी बाज़ार जैसे हलचल भरे बाज़ार जीवंतता जोड़ते हैं। अपनी गुलाबी इमारतों के लिए “Pink City” के रूप में जाना जाने वाला जयपुर, आधुनिकता के साथ परंपरा का सहज मिश्रण है, जो राजस्थान के शाही आकर्षण का प्रतीक है।

आमेर किला :

Image Courtesy: Instagram/@indian_on_an_adventure

हवा महल :

Image Courtesy: Instagram/@joseholidays.in

5. द्वारका :

द्वारकाधीश मंदिर से अपनी यात्रा शुरू करें और केवल 15 किमी दूर, शिवराजपुर बीच के शांत तटों की ओर बढ़ें। द्वारका से लगभग 30 किमी दूर स्थित एक द्वीप मंदिर, बेयट द्वारका तक जारी रखें, इसके बाद लगभग 20 किमी दूर गोपी तलाव है, जो पौराणिक महत्व से भरा हुआ है। आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव के लिए द्वारका से लगभग 17 किमी दूर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में अपनी तीर्थयात्रा समाप्त करें।

शिवराजपुर बीच :

नागेश्वर ज्योतिलिंग :

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