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लोग अपने निवास स्थान में क्रिस्टल, तांबे और चांदी के कछुए रखते हैं। सही दिशा में कछुआ रखने से घर में धन और संपत्ति की कमी कभी महसूस नहीं होती।
वास्तु शास्त्र में घर के भीतर कई ऐसी वस्तुओं का उल्लेख किया गया है, जिन्हें सही दिशा में रखने से विशेष लाभ मिलते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में धातु का कछुआ रखने से भी कई फायदे होते हैं। यह धातु का कछुआ घर में सुख और समृद्धि लेकर आता है। लोग अपने घरों में क्रिस्टल, तांबे और चांदी के कछुए रखते हैं। यदि कछुए को सही दिशा में रखा जाए, तो घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि घर में कछुआ रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आज हम आपको कछुए के महत्व और इसे रखने के नियमों के बारे में बताएंगे।
विष्णु भगवान का रूप माना जाता है कछुआ
भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान कछुए का अवतार लिया था और अपनी पीठ पर पर्वत को सहारा दिया था। इसी कछुए के अवतार के कारण समुद्र मंथन संभव हो पाया। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कछुआ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसे घर में सही दिशा में रखने से समस्याएं दूर होती हैं और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
कछुए के लिए वास्तु नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन घर में धातु का कछुआ लाना शुभ होता है। इस दिन कछुए को दूध में पूरे दिन डुबोकर रखना चाहिए।
घर में कछुआ लाने से पहले, इसे दूध में डुबोने के बाद अभिजीत मुहूर्त में निकालकर साफ पानी से धो लें। इसके बाद कछुए को साफ पानी में रख दें।
कछुए को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। कछुआ स्थापित करने के बाद “ओम श्री कूर्माय नमः” मंत्र का जाप करें।
कछुए को कभी भी घर से बाहर जाने वाली दिशा में नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा घर के भीतर ही रखना चाहिए।
कछुआ रखने की सही दिशा कौनसी है?
धातु का कछुआ घर की उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए, यह बच्चों के जीवन में सौभाग्य को आकर्षित करेगा और एकाग्रता में सुधार करेगा।