Sunday, 8 September 2024
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Hanuman Jayanti 2024: Share Free Images and Extend Heartfelt Wishes on this Sacred Occasion!

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कल, 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाने के लिए तैयार हो जाइये! हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ और Free Images भेजकर अपने परिवार और प्रियजनों के साथ खुशी शेयर करें और जानिए इस दिन के पीछे के महत्व को जानें।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘हनुमान चालीसा’ की प्रसिद्ध चौपाई के कुछ अंश हैं

हनुमानजी के जन्म के पीछे की कहानी


वैसे तो हनुमान जी के जन्म के पीछे कई कहानियां हैं उनमे से एक कहानी ये हैं हनुमानजी का जन्म त्रेता युग में अंजना के पुत्र के रूप में हुआ था। अंजना वास्तव में पंजिकस्थला नाम की अप्सरा थी, लेकिन एक श्राप के कारण उसे धरती पर मादा वानर के रूप में जन्म लेना पड़ा। उस श्राप का प्रभाव शिवजी के अंश को जन्म देने के बाद ही समाप्त होना था। अंजना वानरराज केसरी की पत्नी थीं। विवाह के काफी समय बाद भी संतान न होने के कारण केसरी और अंजना ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। जिसके परिणामस्वरूप अंजना ने हनुमान (शिवजी के अंश) को जन्म दिया।

हनुमानजी भगवान शिव के अवतार हैं


हनुमानजी शंकर के 11वें अवतार थे। जो सात अमर विभूतियों में से एक हैं और इस कलियुग में भी विद्यमान हैं। स्कंद पुराण में उल्लेख है कि भगवान विष्णु के राम अवतार में उनकी सहायता के लिए भगवान महादेव के 11 वें रुद्र महाकपि हनुमान के रूप में अवतार लिया था। इसीलिए हनुमानजी को रुद्रावतार भी कहा जाता है। इस घटना का उल्लेख श्रीरामचरितमानस, अगस्त्य संहिता और वायु पुराण में भी मिलता है। भगवान श्रीराम के अनन्य सेवक बजरंगबली को ‘महावीर’ कहा जाता है क्योंकि वे अत्यंत पराक्रमी हैं और ‘जितेंद्रिय’ हैं क्योंकि उनमें इंद्रियों पर अद्भुत संयम है।

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