Sunday, 8 September 2024
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World Coconut Day : इस फल के बारे में 5 रोचक तथ्य जो आपको रोमांचित कर देंगे

2 सितंबर: दुनियाभर में 02 सितंबर को विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। नारियल दुनिया में खाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है। नारियल एक बहुमुखी फल है, नारियल पानी, नारियल का दूध, नारियल तेल कई तरीकों से इसका उपयोग किया जाता है।इस दिन को मनाने की पहल सबसे पहले 1969 में की गई थी। इस दिन को पहली बार 2009 में एशिया पैसिफिक कोकोनट कम्युनिटी द्वारा मनाया गया था। इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद नारियल के फलों को नेशनल और इंटरनेशनली ध्यान बढ़ाना है। भारत आईसीसी का संस्थापक सदस्य है और इस साल भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय स्तर का वेबिनार आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सभी नारियल उत्पादक राज्यों के 500 प्रगतिशील नारियल किसान भाग लेंगे। तो आइए वर्ल्ड नारियल डे पर जानें नारियल के बारे में कुछ रोचक बातें।

World Coconut Day

– ऐसा माना जाता है कि 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली नाविकों ने सबसे पहले ”नारियल” के नाम का इस्तेमाल किया था। पुर्तगाली में “कोको” का मतलब है “हंसता हुआ चेहरा।” कोको के साथ बाद में “नट” जोड़ा गया था। “नट” एक ग्रिमेस शब्द था। जिसके बाद ये पूरा नाम ”कोकोनट” हुआ।

-एक रिसर्च के मुताबिक, दुनिया भर में 1300 से अधिक प्रकार के नारियल पाए जाते हैं।

– द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नारियल पानी का उपयोग IV ड्रिप के रूप में किया गया था। कोकोनट वॉटर का इस्तेमाल इसलिए किया गया था क्योंकि उस वक्त ब्लड प्लाज्मा उपलब्ध नहीं था।

– नारियल का पेड़ 15 से 60 साल तक फल देता है। अगर परिस्थितियों सही हो तो ये 80 सालों तक फेल देता है। नारियल के पेड़ की अधिकतम आयु 100 से 120 वर्ष के बीच होती है।

-नारियल का पेड़ मालदीव का राष्ट्रीय पेड़ है।

-हम में से कई लोग मानते हैं कि नारियल एक अखरोट है। लेकिन नारियल एक फल है। जिसमें औसतन 94% पानी होता है। नारियल के एक कप पानी में 46 कैलोरी होता है।

World Coconut Day 2024: कोकोनट डे (World Coconut Day) हर साल 2 सितम्बर को मनाया जाता है, जो नारियल के महत्व और इसके लाभों को उजागर करने का दिन है, यह दिन इंटरनेशनल कोकोनट कमेटी द्वारा आयोजित किया जाता है और नारियल की खेती के महत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है,आईए जानते है इस दिन से जुड़े सवालों के जबाबों के बारे में:-

1. कोकोनट डे (World Coconut Day) कब मनाया जाता है?

कोकोनट डे हर साल 2 सितम्बर को मनाया जाता है, यह दिन नारियल की फसलों के महत्व और उनके लाभों को मान्यता देने के लिए समर्पित है, इस दिन के माध्यम से नारियल की खेती को बढ़ावा देने और इसके विभिन्न उपयोगों के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है, यह दिन नारियल उत्पादकों और व्यापारियों के लिए भी खास होता है.

2. कोकोनट डे मनाने का उद्देश्य क्या है?

कोकोनट डे का मुख्य उद्देश्य नारियल के पौधे और उसकी फसलों के महत्व को बढ़ावा देना है, नारियल का उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों और उत्पादों में होता है, जैसे नारियल का तेल, दूध, और पानी, यह दिन नारियल की खेती से जुड़े किसानों की मेहनत और उनके योगदान को भी सराहता है, इसके अलावा, नारियल के स्वास्थ्य लाभों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास भी किया जाता है.

3. इस दिन को मनाने की शुरुआत कब हुई थी?

कोकोनट डे की शुरुआत 2009 में इंटरनेशनल कोकोनट कमेटी द्वारा की गई थी, इस दिन की स्थापना नारियल की खेती और उसके लाभों को मान्यता देने के लिए की गई थी, इसके द्वारा नारियल के किसान के विकास और अनुसंधान को मोटिवेट करने का लक्ष्य है, हर साल इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से नारियल के महत्व को उजागर किया जाता है.

4. कोकोनट डे को मनाने की शुरुआत कब हुई थी?

कोकोनट डे की शुरुआत 2009 में इंटरनेशनल कोकोनट कमेटी (ICC) द्वारा की गई थी, इसका उद्देश्य नारियल की फसलों के महत्व को मान्यता देना और इसके आर्थिक और पोषण संबंधी लाभों को उजागर करना था, इस दिन के माध्यम से नारियल की खेती से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, इसे मनाने से नारियल उत्पादन के क्षेत्र में नई तकनीकों और अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलता है.

5. नारियल के किस भाग का उपयोग आमतौर पर किया जाता है?

नारियल के विभिन्न भागों का उपयोग खाद्य पदार्थों, सौंदर्य प्रसाधनों और औषधियों में किया जाता है, नारियल का पानी ताजगी प्रदान करता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, नारियल की गिरी को खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है, नारियल का तेल त्वचा और बालों की देखभाल के लिए भी लोकप्रिय है, इसके अलावा, नारियल की गिरी का उपयोग बेकिंग और कुकिंग में भी किया जाता है.

6. नारियल की खेती के प्रमुख देश कौन से हैं?

नारियल की खेती के प्रमुख देश भारत, श्रीलंका, फिलीपीन्स, और इंडोनेशिया हैं, ये देश नारियल के उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और वैश्विक आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, भारत और श्रीलंका में नारियल की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है, जबकि फिलीपीन्स और इंडोनेशिया में भी इसका उत्पादन काफी बड़ा है, ये देश न केवल घरेलू उपयोग के लिए, बल्कि निर्यात के लिए भी नारियल की फसल उगाते हैं.

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