Monday, 9 September 2024
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डेंगू बीमारी को लेकर चौंकाने वाली खबर, बढ़ा दिल की बीमारी का खतरा!

डेंगू, एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है जो हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन हाल ही में हुए अध्ययन से पता चला है कि डेंगू से संक्रमित लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। यह जानकारी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि उन लोगों के लिए भी चिंता का विषय है जो पहले से ही दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि डेंगू कैसे दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।

डेंगू क्या है?

डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह वायरस चार प्रकार के होते हैं, और एक बार संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को दूसरे प्रकार के डेंगू से संक्रमित होने का खतरा रहता है। डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं। अगर समय पर इलाज न हो, तो यह बीमारी गंभीर रूप भी ले सकती है, जिसे डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) कहा जाता है।

डेंगू और दिल की बीमारियों का संबंध

हाल के अध्ययनों में यह पाया गया है कि डेंगू संक्रमण से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जब शरीर में डेंगू वायरस प्रवेश करता है, तो यह इम्यून सिस्टम को सक्रिय करता है, जिससे शरीर में सूजन (Inflammation) बढ़ जाती है। यह सूजन दिल की धमनियों को प्रभावित कर सकती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक का निर्माण) का खतरा बढ़ जाता है।

इसके अलावा, डेंगू से होने वाले बुखार और शरीर में तरल पदार्थों की कमी से दिल पर दबाव बढ़ जाता है। यह स्थिति उन लोगों के लिए और भी खतरनाक हो सकती है, जो पहले से ही दिल की किसी बीमारी से पीड़ित हैं।

डेंगू से प्रभावित दिल की समस्याएं

डेंगू संक्रमण के बाद दिल की निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

मायोकार्डिटिस (Myocarditis): यह एक स्थिति है जिसमें दिल की मांसपेशियों में सूजन हो जाती है, जिससे दिल के पंपिंग फंक्शन पर प्रभाव पड़ता है।

पेरिकार्डिटिस (Pericarditis): इस स्थिति में दिल के चारों ओर की झिल्ली में सूजन हो जाती है, जिससे सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई होती है।

एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (Acute Coronary Syndrome): यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब दिल की धमनियों में ब्लॉकेज के कारण दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता।

असामान्य दिल की धड़कनें (Arrhythmias): डेंगू से दिल की धड़कनें असामान्य हो सकती हैं, जो जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।

बचाव के उपाय

डेंगू से बचने और इसके कारण दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

मच्छरों से बचाव: डेंगू से बचने के लिए मच्छरों के काटने से बचाव बेहद जरूरी है। घर के आसपास पानी जमा न होने दें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

स्वस्थ आहार और हाइड्रेशन: डेंगू के दौरान शरीर में पानी की कमी न होने दें और स्वस्थ आहार लें। यह दिल की सेहत को बनाए रखने में मदद करेगा।

समय पर इलाज: अगर डेंगू के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से डेंगू के गंभीर प्रभावों को कम किया जा सकता है।

नियमित जांच: डेंगू के बाद दिल की समस्याओं के संकेतों के लिए नियमित रूप से दिल की जांच करवाएं।

व्यायाम और आराम: शरीर को आराम दें और हल्का व्यायाम करें जिससे दिल की सेहत बनी रहे।

निष्कर्ष

डेंगू न केवल एक गंभीर वायरल बीमारी है, बल्कि यह दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है। इसलिए, डेंगू से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाना बहुत जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली, समय पर इलाज, और मच्छरों से बचाव के उपायों को अपनाकर आप डेंगू और इसके कारण होने वाली दिल की बीमारियों से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

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