Sunday, 8 September 2024
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पुतिन बोले- यूक्रेन से बातचीत के लिए राजी:जंग रोकने के लिए भारत-चीन मध्यस्थता कर सकते हैं; लेकिन यूक्रेन की जमीन छोड़ने को तैयार नहीं

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पुतिन ने कहा कि भारत, चीन या ब्राजील दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं.

रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईजेड) में बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि 2022 में जब युद्ध छिड़ा तो इस्तांबुल ने दोनों देशों के बीच एक समझौता कराने की कोशिश की, हालांकि उन शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया। अब नए सिरे से बातचीत शुरू करने के लिए पिछले प्रयासों को आगे बढ़ाया जा सकता है।

ज़ेलेंस्की ने कहा कि भारत में शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा सकता है

पुतिन का यह बयान तब आया जब करीब दो महीने पहले 8 जुलाई को पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया था. यहां उन्होंने पुतिन से युद्ध रोकने पर चर्चा की. इसके कुछ ही देर बाद 23 अगस्त को पीएम मोदी ने पहली बार यूक्रेन का दौरा भी किया.

जुलाई में पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया था. उनकी मुलाकात नाटो शिखर सम्मेलन के बीच में हुई. इस बीच पीएम मोदी की राष्ट्रपति पुतिन से गले मिलने की तस्वीरें खूब चर्चा में रहीं. इस दौरान मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि शांति का रास्ता युद्ध के मैदान से नहीं निकलता है.

इस बीच, राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने मीडिया के सामने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है.

युद्ध रोकने के लिए पुतिन की शर्तें

इससे पहले युद्ध शुरू होने के एक महीने बाद फरवरी 2022 में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी. इसका उद्देश्य युद्ध को रोकना था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध रोकने के लिए दो शर्तें रखीं।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन को डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज़िया से अपने सैनिक वापस बुलाने होंगे। इसके अलावा यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल नहीं होगा. हालाँकि, यूक्रेन ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया।

यूक्रेन का दावा- युद्ध में करीब 400,000 रूसी सैनिक मारे गए

24 फरवरी 2022 को रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के ढाई साल पूरे हो गए हैं। इस बीच अब तक यूक्रेन के 10 हजार नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं. यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 39.2 लाख सैनिक खोये हैं. इस बीच अमेरिका ने 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया.

रूस-यूक्रेन युद्ध पहली बार 6 अगस्त 2024 को हुआ जब यूक्रेन ने रूस पर आक्रमण किया और उसके कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इसके बाद से यूक्रेन लगातार रूस पर हमले कर रहा है. आरटी की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 दिनों में यूक्रेनी हमलों में 31 रूसी नागरिकों की जान चली गई.

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार है कि किसी विदेशी ताकत ने रूसी धरती पर कब्जा किया है। यूक्रेन ने दो हफ्ते में रूस की 1263 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया. यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 2024 के 8 महीनों में जितनी जमीन पर कब्जा किया था, उससे ज्यादा जमीन पर यूक्रेन ने 2 हफ्ते में कब्जा कर लिया है।

एएनआई, वॉशिंगटन। PM Modi Russia Visit। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस की यात्रा पर अमेरिका और चीन जैसे देशों की नजर थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पहली बार प्रधानमंत्री मोदी रूस पहुंचे थे। मॉस्को में गर्मजोशी के साथ पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की।

दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने साफ तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे जा रहे लोगों, खासकर बच्चों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने दो टूक में कहा कि वर्तमान समय युद्ध का नहीं है।\

युद्ध को रोकने के लिए रूस को मना सकता है भारत: अमेरिका

इस युद्ध में अमेरिका खुलकर यूक्रेन के साथ खड़ा है। पीएम मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका का मानना है कि रूस और भारत के अच्छे संबंध की वजह से इस युद्ध पर लगाम लगाया जा सकता है।  

अमेरिका और भारत एक रणनीतिक भागीदार: कैरिन जीन-पियरे

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे से जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका एक रणनीतिक भागीदार हैं। दोनों देशों के बीच हर मुद्दों पर  स्पष्ट बातचीत होती है।  यूक्रेन की बात आती है तो भारत सहित सभी देश स्थायी शांति हासिल करने के प्रयासों का समर्थन करते हैं।

कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि भारत के पास ये क्षमता है कि वो रूस से बातचीत कर युद्ध को रुकवा सकता है। हालांकि, युद्ध को रोकने का आखिरी राष्ट्रपति पुतिन का है। राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध शुरू किया, और वह युद्ध समाप्त कर सकते हैं।”

युद्ध के मैदान में शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती: पीएम मोदी 

बता दें कि भारत-रूस के बीच मंगलवार को हुए 22वें शिखर सम्मेलन समारोह में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाया। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि जब युद्ध में मासूम बच्चों की मौत होती है तो हृदय छलनी हो जाता है और यह दर्द बहुत भयानक होता है। पुतिन को मोदी का साफ संदेश था कि बम, बंदूक और युद्ध के मैदान में शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती।

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