Paris olympics 2024: नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया है. इसके बाद वो ऐसे पहले खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक पदक जीते हैं. वहीं पाकिस्तान केअरशद नदीम को गोल्ड मेडल मिला है. भाला फेंक के इतिहास पर नजर डालें ये कुछ दशकों या सालों पुरानी प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि इसका अच्छा खास और बड़ा इतिहास रहा है. तो चलिए आज हम इस प्रतियोगिता के इतिहास और सबसे पहले जेवलिन किसने फेंका था, इसके बारे में जानते हैं.
युद्ध के हथियार से लेकर ओलंपिक तक
भाला फेंक का इतिहास बहुत पुराना है. पहली बार भाला फेंक 708 ईसा पूर्व ग्रीस में हुए प्राचीन ओलंपिक गेम्स में एक खेल के रूप में शामिल किया गया था. ये दौड़, डिस्कस थ्रो, लंबी कूद और कुश्ती के साथ पेंटाथलॉन इवेंट का हिस्सा बना. आपको जानकर हैरानी होगी कि पहली बार जब भाला फेंक प्रतियोगिता हुई थी उस समय भाला जैतून की लकड़ी से बना था. हालांकि प्राचीन ओलंपिक खेलों का आयोजन स्थल ओलंपिया की स्थिति सदियों से कई लड़ाइयों और प्राकृतिक आपदाओं के बाद बिगड़ती रही है. फिर 394 ईस्वीं के आसपास रोमन सम्राट थियोडोसियस प्रथम ने मूर्तिपूजक समारोहों और कार्यों को अवैध घोषित करने के बाद खेलों को आधिकारिक तौर पर खत्म कर दिया. इसके साथ ही भाला फेंक भी यहां रुक गया था.
इसके सदियों बाद स्कैंडिनेवियाई ने 1700 के दशक के अंत में इस खेल को फिर शुरू किया. बता दें कि फिनलैंड और स्वीडन ने भाला फेंक के दो अलग-अलग इवेंट में प्रतिस्पर्धा हुआ करती थी, जिसमें एक में भाला लक्ष्य पर फेंकना होता था और दूसरे में भाला सबसे दूर फेंकना होता था. हालांकि कुछ दशकों बाद दूर फेंकने वाला भाला फेंक अधिक लोकप्रिय हो गया, इस प्रतियोगिता में दुनिया में सबसे पहले जीत दर्ज करने वाले पहले प्रतियोगी एरिक लेमिंग थे.
ओलंपिक में कब हुआ शामिल?
फिर जब अन्य थ्रो इवेंट डिस्कस और शॉट पुट को 1896 के पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया तो 1908 में लंदन में आयोजित हुए तीसरे संस्करण से भाला फेंक को पहली बार ओलंपिक में भी शामिल किया गया.
किसने जीती थी पहली भाला फेंक प्रतियोगिता?
जब पहली बार ओलंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता हुई तो इसमें भी स्वीडन के एरिक लेमिंग ने अपनी बादशाहत कायम रखी. उन्होंने स्टैंडर्ड भाला फेंक के साथ-साथ फ्रीस्टाइल भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीते. उन्होंने लेमिंग ने स्टैंडर्ड थ्रो में 54.482 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर नया विश्व और ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया था. भारत में भाला फेंक प्रतियोगिता में पहली बार नीरज चोपड़ा ने ये सम्मान देश को दिलाया था.
टॉप 8 को फिर से तीन थ्रो करने का मिलता है मौका
टॉप 8 को फिर फाइनल राउंड में तीन बार थ्रो करने का मौका मिलता है. ऐसे में कुल 6 थ्रो के बाद उन तीन एथलीटों को चुना जाता है जिनका थ्रो सबसे सर्वेश्रेष्ठ होता है. और सर्वेश्रेष्ठ प्रयासों के आधार पर गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिया जाता है.
पेरिस ओलंपिक में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज जीतने वाले एथलीट
1. अरशद नदीम (पाकिस्तान)- 92.97 मीटर (गोल्ड)
2. नीरज चोपड़ा (भारत)- 89.45 मीटर (सिल्वर)
3. एंडरसन पीटर्स (ग्रेनाडा)- 88.54 मीटर (ब्रॉन्ज)
टोक्यो में इन एथलीटों ने जीता था मेडल
नीरज चोपड़ा 87.58 (गोल्ड)
जैकब वडलेज 86.67 (सिल्वर)
विटेज़स्लाव वेसेली 85.44 (ब्रॉन्ज)