भारत एक ऐसा देश है जहां त्योहारों की भरमार है, और हर त्योहार के पीछे कोई न कोई गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता जुड़ी होती है। इन्हीं त्योहारों में से एक है नाग पंचमी, जो नागों (सांपों) की पूजा का पर्व है। हिंदू धर्म में नागों को देवता के रूप में पूजा जाता है, और नाग पंचमी का त्योहार उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को खासतौर पर नागों के लिए समर्पित किया गया है, और इस अवसर पर एक प्राचीन परंपरा निभाई जाती है—घर के बाहर सांप का चित्र बनाना।
नाग पंचमी की प्राचीन परंपरा
नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार या आंगन में गोबर, चंदन, हल्दी या चूने से सांप का चित्र बनाया जाता है। इस सांप के चित्र को बनाने के पीछे की परंपरा सदियों पुरानी है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और फिर इस सांप के चित्र को बनाती हैं। इसके बाद, इस चित्र की पूजा की जाती है और उसे दूध, फूल, अक्षत (चावल) और मिठाई का भोग लगाया जाता है।
सांप बनाने का महत्व और मान्यताएं
घर के बाहर सांप का चित्र बनाने के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं:
नाग देवता की कृपा: माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन घर के बाहर सांप का चित्र बनाकर उसकी पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और घर को उनके प्रकोप से बचाते हैं। यह परंपरा विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक प्रचलित है जहां सांपों का खतरा अधिक होता है।
फसल और परिवार की रक्षा: कृषि आधारित समाज में, नाग देवता को फसलों और परिवार की रक्षा के लिए पूजा जाता था। सांप का चित्र बनाकर यह प्रतीकात्मक संदेश दिया जाता है कि नाग देवता हमारे परिवार और फसलों की रक्षा करें।
धार्मिक मान्यता: हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, नाग देवताओं का विशेष स्थान है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने विषपान किया था, जिसे नागों ने सुरक्षित रखने में मदद की थी। इसलिए, नागों का पूजन उनकी इस मदद को सम्मानित करने के लिए किया जाता है।
सांपों के प्रति श्रद्धा: भारत में सांपों को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। नाग पंचमी का पर्व सांपों के प्रति श्रद्धा और उन्हें प्रकृति के अभिन्न अंग के रूप में स्वीकारने का प्रतीक है।
नाग पंचमी की पूजा और रीति-रिवाज
नाग पंचमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और नाग देवता की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान, नागों के लिए दूध चढ़ाया जाता है और उनसे परिवार की सुरक्षा की प्रार्थना की जाती है। पूजा के अंत में, सांप के चित्र के पास राखी बांधने की भी परंपरा है, जो सांपों से रक्षा का प्रतीक है।
नाग पंचमी 2024 का महत्व
नाग पंचमी 2024 का पर्व भी हर साल की तरह श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व पर, घर के बाहर सांप का चित्र बनाना हमारी प्राचीन परंपराओं का पालन करना और प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव को दर्शाता है। यह परंपरा हमें यह सिखाती है कि प्रकृति के हर जीव का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह कितना भी खतरनाक क्यों न हो।
इस नाग पंचमी पर, इस प्राचीन परंपरा का पालन करें और नाग देवता की कृपा प्राप्त करें।