Sunday, 8 September 2024
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Kolkata Doctor Rape Case CBI Action :- सीबीआई को आरोपी के पॉलीग्राफ टेस्‍ट की अनुमति मिल गई है ,क्या है पॉलीग्राफ टेस्ट? कैसे होता है सच और झूठ का फैसला… ऐसे उगलवाये जाते हैं राज

RG Kar Medical College And Hospital Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रेप और मर्डर केस को लेकर सीबीआई आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी.
Kolkata Doctor Rape-Murder Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चार कर्मचारियों का पॉलिग्राफ टेस्ट कराएगा. इनमें तीन जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं. दरअसल सीबीआई पता लगाना चाहती है कि क्या ये लोग जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या में शामिल थे. इस क्रूर अपराध का आरोपी संजय रॉय का भी पॉलिग्राफ टेस्ट कराया जाएगा. महिला डॉक्टर 9 अगस्त को मृत पाई गई थी.

रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, संजय रॉय सुबह 4 बजे सेमिनार हॉल में दाखिल हुआ, जहां पीड़िता अपनी 36 घंटे की शिफ्ट करने के बाद सो रही थी. इसके बाद वो 4 बजकर 40 मिनट पर बाहर निकला. कोलकाता पुलिस ने उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया.

सीबीआई क्यों कराएगी जूनियर डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई फर्स्ट ईयर ग्रेजुएशन के ट्रेनी डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी क्योंकि उनके फिंगरप्रिंट सेमिनार रूम के अंदर पाए गए थे. महिला के सेमिनार रूम में आराम करने से पहले, दोनों पीजी डॉक्टरों ने उसके साथ खाना खाया. एक इंटर्न का भी टेस्ट किया जाएगा क्योंकि वह सेमिनार रूम में गया था और उससे बातचीत की थी. बाद में वह कमरे से बाहर चला गया और महिला वापस सो गई.

एक हाउस स्टाफ सदस्य को भी यह परीक्षण करवाना होगा, क्योंकि उस कर्मचारी को फर्स्ट फ्लो के इमरजेंसी वार्ड से तीसरी मंजिल पर जाते देखा गया था. ये कर्मचारी रात 2.45 बजे तीसरी मंजिल पर गया और 3.45 बजे वापस लौटा. चारों लोगों में से किसी ने भी सेमिनार कक्ष से कोई शोर नहीं सुना.

डॉ. संदीप घोष को भी होगा पॉलीग्राफ टेस्ट

अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की भी अनुमति प्राप्त कर ली है, जिन्होंने घटना के दो दिन बाद इस्तीफा दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या की एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी करने के लिए संदीप घोष और पश्चिम बंगाल पुलिस की खिंचाई की है. कोर्ट ने यह भी कहा कि घोष ने हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश की

क्या होता पॉलीग्राफ? 

पॉलीग्राफ यह एक ऐसी मशीन है जिसका प्रयोग झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है। खास कर इसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी अपराध का पता लगाना हो। पालीग्राफ टेस्ट को झूठ पकड़ने वाली मशीन अथवा लाई डिटेक्टर के नाम से भी जाना जाता है।  भारत के अंदर पालीग्राफ का प्रयोग करने से पहले कोर्ट से अनुमति लेना आवश्यक है। अब तक इसका कई लोगों पर सफल प्रयोग किया जा चुका है। ‌‌‌पालीग्राफ टेस्ट के दौरान यह देखा जाता है कि सवालों के जवाब देते समय क्या  इंसान झूठ बोल रहा है या सच। इंसान जब भी झूठ बोलता है, तब उसका हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, बदलता है। पसीना आता है। आंखें इधर-उधर जाती हैं। कई बार पालीग्राफ टेस्ट के दौरान हाथ-पैर के मूवमेंट पर भी ध्यान दिया जाता है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या की चार अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। 

पूर्व प्रिंसिपल से चौथी बार पूछताछ

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष आज सुबह कोलकाता स्थित सीबीआई दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे चौथे दौर की पूछताछ चल रही है. सीबीआई की लगातार पूछताछ से साफ पता चलता है कि वे संदीप घोष के जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि उनके जवाबों स्पष्ट नहीं हैं। परिवार को शुरू में आत्महत्या का सिद्धांत प्रस्तुत किया गया था, और अपराध स्थल को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं किया गया था, जो चल रही पूछताछ का केंद्र बना हुआ है।

सीबीआई क्यों करना चाहती है पॉलीग्राफ टेस्ट

सीबीआई इनका पॉलीग्राफी टेस्ट कराने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि 2 डॉक्टरों के फिंगरप्रिंट सेमिनार रूम में पाए गए हैं. इसके साथ सीसीटीवी में हाउस स्टाफ को पहली मंजिल की इमरजेंसी वार्डसे थर्ड फ्लोर जाते हुए देखा गया है. वहीं अन्य इंटर्न तीसरी मंजिल पर था और पीड़िता से बातचीत की थी.

सीबीआई को कुछ और मेडिकल रिपोर्ट्स मिले हैं, इसलिए सीबीआई उनके बयानों को कन्फर्म करना चाहती है. हालांकि ये लोग इस वारदात में शामिल नहीं लगते हैं. सीबीआई यह पता लगाना चाहती है कि क्या इन 4 लोगों ने सबूतों से छेड़छाड़ की या किसी और साजिश में शामिल तो नहीं हैं?

वारदात की रात का सीक्वेंस

  • सूत्रों के अनुसार, 9 अगस्त की रात की वारदात की टाइमलाइन इस तरह से है. नौ की रात को पीड़िता का शव इमरजेंसी वार्ड के समिनॉर हॉल में मिला था.
  • पीड़िता और दो फर्स्ट ईयर के छात्र (अर्का और सौमित्र) ने 12 बजे रात्रि को साथ में डिनर किया.
  • इसके बाद वो सेमिनार रूम में गए, जहां वो 1:30-2:00 बजे तक रहे और नीरज चोपड़ा के जेवलिन फाइनल देखा.
  • सेमिनार रूम के सामने स्लीपिंग रूम है, जहां डॉक्टर आराम करते हैं. उस रात पॉलीसोम्नोग्राफी टेस्ट चल रहा था, जो 1:30-2:00 बजे खत्म हुआ.
  • इसके बाद अर्का और सौमित्र स्लीप रूम में गए, जबकि पीड़िता सेमिनार रूम में आराम करने लगी. गोलाम ने 2:45 बजे तीसरी मंजिल पर जाने की बात कही, जबकि सुभदीप ने कहा कि वह इंटर्न रूम में था.
  • तीनों कमरे (सेमिनार हॉल, स्लीप रूम और इंटर्न रूम) तीसरी मंजिल पर एक-दूसरे के पास हैं. सीबीआई ने चारों के बयानों में कुछ विरोधाभास पाया है, इसलिए एजेंसी पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है.

आरोपी संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

रेप-मर्डर कांड में कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को उसकी रिमांड की अवधि समाप्त हो रही थी. उसे सियालदह कोर्ट में पेश किया गया. सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

दक्षिण 24 परगना एलएडीसीएस की ओर से स्टैंडिंग काउंसिल कविता सरकार ने संजय रॉय की ओर से जमानत के लिए आवेदन किया. न्यायाधीश ने जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 6 सितंबर तक जेल में भेज दिया. न्यायाधीश शुभजीत रक्षित ने संजय को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. संजय रॉय को कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में रखा गया है.

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