RBI ने बैंकों पर नुकसान लगाने की अधिकतम धनराशि की चेतावनी जारी की है। इसके बाद, DCB Bank and Tamil Nadu Mercantile Bank पर RBI ने अपराध का आरोप लगाया है। इन दोनों बैंकों को नियामकीय अनुपालन में कमियों के लिए धनराशि लगाई गई है। आरबीआई कड़ी कार्रवाई करने के लिए तत्पर है। आइए, इस संदर्भ में विवरण समझें।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने एक्सटेंशन ऑफ़ इंटरेस्ट रेट पर कुछ नियमों का उल्लंघन करने पर डीसीबी बैंक (DCB Bank) और तमिलनाडु व्यापारिक बैंक (Tamilnad Mercantile Bank) पर अनुशासन धनराशि लगाई है।
आरबीआई ने बयान दिया कि डीसीबी बैंक को 63.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक पर 1.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
ये दोनों बैंकों को ‘अग्रिम ब्याज दर’ और ‘बड़े क्रेडिट पर सूचना के केंद्रीय भंडार’ के निर्देशों का पालन न करने पर आरबीआई द्वारा दंडित किया गया है। आरबीआई ने इस मामले को देखते हुए कहा कि यह दंड नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य उनके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता को प्रभावित नहीं करना है।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में उज्ज्वल किया, कि डीसीबी बैंक पर 63.6 लाख रुपये का नकदी जुर्माना लगाया गया है। दूसरे पक्ष, एक अलग बयान में, केंद्रीय बैंक ने बताया कि तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक पर ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ और ‘बड़े क्रेडिट पर सूचना के केंद्रीय भंडार’ (सीआरआईएलसी) रिपोर्टिंग में संशोधन’ के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है, और इसके लिए 1.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
रिजर्व बैंक ने दोनों मामलों में कहा कि जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित था, और उसका उद्देश्य ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव नहीं डालना था।
पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) के खिलाफ 1.4 करोड़ रुपये का नुकसान लगाया गया था, क्योंकि वे कुछ नियामकीय मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। साथ ही, निजी क्षेत्र के बंधन बैंक (Bandhan Bank) पर भी 29.55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, क्योंकि उन्होंने कुछ निर्देशों का अनुपालन नहीं किया था।
पहले केनरा बैंक (Canara Bank) और सिटी यूनियन बैंक (Citi Union Bank) को भी रेगुलेटरी नियमों का पालन न करने के कारण दंडित किया गया था। केनरा बैंक पर 32.30 लाख रुपये का नुकसान लगाया गया था, जबकि सिटी यूनियन बैंक पर 66 लाख रुपये का दंड लगाया गया था।
ग्राहकों पर प्रभाव क्या होगा?
आरबीआई ने अपने आदेश में बताया है कि ये कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में कमी के आधार पर की गई है। इसका मकसद बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही, बैंक ने यह भी दावा किया है कि जुर्माना लगाने से आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।