जानिए रे-बैन सनग्लासेस कंपनी के पीछे की कहानी। एक याद दिलाने वाला किस्सा रे-बैन चश्मे की उत्पत्ति के समान है। आठ दशक पहले, रे-बैन ने एयर-फाॅर्स पायलट की जरूरतों को पूरा करने के लिए धूप का sunglasses तैयार किया था फोर्स पायलट, अपनी आंखों को सूरज की चमक से बचाते हुए, ‘Aviators’ नामक इन विशेष मॉडलों की कल्पना शुरुआत में एक पायलट ने की थी।
जिन्होंने अपने सहयोगी लॉन्ग के साथ मिलकर इस कॉन्सेप्ट को जीवन में लाने के लिए एक स्थानीय आईवियर विक्रेता John Boss के साथ साझेदारी की थी। बॉस ने Ray-Ban कंपनी की स्थापना की। Luxottica ग्रुप ने 1999 में Bausch & Lamb से 5.02 करोड़ रुपये में ब्रांड का acquire किया Ray-Ban
शुरुआत मैं वायु सेना के पायलटों के लिए चश्मे बनाए गए
अमेरिकी व्यवसायी बॉश एंड लोम्बे ने प्लास्टिक के हरे लेंस वाले चश्मे का आविष्कार किया। 1930 के दशक तक, बॉश और लोम्बे ने इस वादे के साथ बेन धूप का चश्मा का विज्ञापन करना शुरू कर दिया कि वे सच्चे साइंटिफिक चश्मे थे जो चमक से सुरक्षा प्रदान करते थे। एंटी-ग्लेयर चश्मों की बिक्री 1937 में शुरू हुई। मूल चश्मों का फ्रेम प्लास्टिक और Aviator आकार का था। फिर उसी साल मेटल फ्रेम बनाए गए और रे-बैन एविएटर ग्लास की ब्रांडिंग शुरू हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जनरल डगलस मैकआर्थर सहित अमेरिकी सैनिकों के लिए एविएटर आवश्यक उपकरण बन गए। इसे सैनिकों द्वारा दुनिया भर में ब्रांड किया गया था।
बिजनेस: 26 हजार करोड़ रुपए सालाना रेवेन्यू
रे-बैन की मूल कंपनी इटली का Luxotticaग्रुप है। इससे पहले अमेरिकी कंपनी बॉश एंड लॉम्ब इसे संभाल रही थी। लक्ज़ोटिका दुनिया की सबसे बड़ी आईवियर कंपनी है। प्रीमियम, लक्ज़री और स्पोर्ट्स आईवियर श्रेणियों में दुनिया भर में इसके 18,000 से अधिक स्टोर हैं। रे-बैन के अलावा, लक्सोटिका Gabbana, Armani, Versace, Ralph Lauren,Prada से लेकर Vogue आईवियर तक कुल 32 ब्रांड के आईवियर बनाती है। रे-बैन दुनिया का सबसे मूल्यवान ऑप्टिकल ब्रांड है। लक्सोटिका का 40 प्रतिशत मुनाफ़ा रे-बैन की बिक्री से आता है। कंपनी हर साल औसतन 26 हजार करोड़ रुपये के चश्मे बेचती है।
अनऑफिशियल ब्रांड एंबेसडर की वजह से बिक्री 40% बढ़ गई
1981 में रे-बैन चश्मे की बिक्री एक साल में घटकर केवल 200,000 यूनिट रह गई। रे-बैन चश्मे की बिक्री बढ़ाने और कंपनी को डूबने से बचाने में हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज की बड़ी भूमिका है। इस दौरान कंपनी ने अपना प्रोडक्शन भी बंद करने का फैसला कर लिया था और पराजय के लिए तैयार थी. हालाँकि, दो साल बाद, 1983 में, हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज़ ने फिल्म ‘Risky Business’ में रे-बैन Wayfarer glasses चश्मा पहना था। और फिर उसी साल इसकी बिक्री 40% बढ़कर तीन लाख 60 हजार ग्लास हो गई.
1986 में आई फिल्म ‘Top Gun’ के दौरान भी ऐसा ही हुआ था। उस फिल्म में उन्होंने Aviator Classic का sunglasses पहने थे।इस साल मई 2022 में फिल्म ‘Top Gun Maverick’ की रिलीज के बाद भी रे-बैन चश्मे की बिक्री अचानक फिर से बढ़ गई।
Ray-Ban Stories: Meta और Ray-ban ने लांच किये नए चश्मे
2021 में, मार्क जुकरबर्ग (मेटा) ने लक्सोटिका के सहयोग से ‘Ray-Ban Stories’ स्मार्ट ग्लास लॉन्च किया। सामान्य चश्मे की तरह दिखने वाले इस चश्मे का इस्तेमाल ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड करने के साथ-साथ ऑडियो सुनने के लिए भी किया जा सकता है। आप माइक्रोफोन की मदद से भी बात कर सकते हैं. इसके अलावा आप फेसबुक व्यू ऐप के जरिए भी फेसबुक पर पोस्ट कर सकते हैं।
रे-बैन स्टोरीज़ पेश करते हुए, एस्सिलोरलक्सोटिका के सहयोग से लॉन्च किया गया अभूतपूर्व स्मार्ट चश्मा। €329 पाउंड की कीमत पर, रे-बैन स्टोरीज़ आपको दोस्तों, परिवार और अपने आस-पास की दुनिया के साथ मौजूद रहने में सक्षम बनाती है। जब आपका फोन दूर रहता है तो क्षणों को कैद करने और चश्मे से सीधे संगीत सुनने की क्षमता के साथ।
Ray-Ban Frames: Setting Trends in Bollywood Cinema
एक्शन फिल्म ‘फाइटर’ में आपने रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण को Ray -ban के चश्मा लगाकर जेट उड़ाते हुए देखा होगा। कंपनी ने Dabangg, Dilwale Dulhania Le Jayenge, Dhoom, Yeh Jawaani Hai Deewani, Uri जैसी कई फिल्मों में अपने चश्मे का प्रचार किया है। इस फिल्मों मैं एक्टर Ray-ban के चश्मे पहनते देखे गए हैं।