ज्योतिष की दृष्टि से यदि जन्म कुंडली में इन चारों ग्रहों में से कोई भी एक ग्रह कमजोर अशुभ हो तो ऐसे व्यक्ति को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।
ज्योतिष में, बृहस्पति (बृहस्पति) पाचन तंत्र का शासक है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली शुक्र और चंद्र के मामले में कमजोर है, तो वह रसायन तत्व को पचाने में असमर्थ हो जाता है। इस कारण यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो, अस्त हो या शत्रु राशि में हो तो मधुप्रमेह होता है। इसके अलावा भृगुसंहिता के अनुसार यदि चंद्रमा की स्थिति खराब हो तो मानसिक तनाव के कारण भी मधुमेह हो सकता है।
यदि कर्क राशि हो तो डायबिटीज की संभावना अधिक होती है। कुल मिलाकर, ये चार ग्रह, शुक्र, चंद्रमा, बृहस्पति और मंगल डायबिटीज रोग के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए अब ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस रोग का उपाय इस प्रकार जानते हैं।
ज्योतिषीय उपाय
1.वैज्ञानिक दृष्टि से इस रोग में पैदल चलना, दौड़ना और नियमित व्यायाम अधिक जरूरी है। इसके अलावा खान-पान में अनुशासन, चिंतामुक्त जीवन और खुशी ज्यादा जरूरी है। इसके साथ ही विज्ञान की दृष्टि से भी डॉक्टर की दवा जारी रखना जरूरी हो जाता है।
2.धनुरासन, पश्चिमत्तासन और कपालभाति प्राणायाम से डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों को राहत मिल सकती है।
3.नियमित रूप से सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य को अर्ध्य देने से इस रोग से राहत मिलती है।
4.डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए पीड़ित व्यक्ति को सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर आसन पर बैठकर ‘शह शुक्राय नम:’ बोलना चाहिए। इस माला का पांच बार जाप करें और इस मंत्र का जाप करने के बाद पांच मिनट तक जल त्याग करें।
5.श्रावण मास के सोमवार और आद्रा नक्षत्र में पंचांग के मुहूर्त शास्त्र के अनुसार रुद्राभिषेक करने से लाभ मिल सकता है।
6.प्रत्येक शुक्रवार को शाम के समय दुर्गा सप्तसती के चतुर्थ अध्याय (शकरोदय स्तुति) का पाठ लाभकारी होता है।
7.शुक्रवार की शाम को घर पर महालक्ष्मी माता कि मंदिर में निवेध के रूप में सफेद रंग की मिठाई रखने से भी मधुप्रमेह रोग से राहत मिलती है।
8.हर गुरुवार शाम को श्री विष्णुसहस्त्र का पाठ करने से इस मधुमेह से राहत मिलती है।
9.हर मंगलवार और शनिवार को हनुमंत वडवानल स्तोत्र का पाठ करने से मधुमेह के रोगी को राहत मिलती है।
10.प्रत्येक मंगलवार को कार्तिकेय स्तोत्र का पाठ करें। एकमुखी या पंचमुखी रुद्राक्ष सोमवार को धारण करना चाहिए। भैरव मंदिर में आधा लीटर दूध दान करने से मधुमेह से राहत मिलेगी।